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Volleyball

Volleyball

Volleyball is a non-contact team sport in which two teams can play. Volleyball was developed by William G. Morgan, a physical education director. He invented the sport called Mintonette which later developed and became volleyball.   Volleyball is played by two teams in a court divided by a net. The teams should have six members each, and can have two substitutes. For mixed games, three males at a time should be on court. The goal of the game is for each team to send the ball to the opposing team's court. A team can hit the ball three times to return it to the opposing team. A rally continues if the teams can send it back to back, it will end if the ball touches the ground, or one of the teams doesn't return it properly. Volleyball is played with three 12-minute sets. The teams change courts at the end of each set.

वालीबॉल एक खेल है। इसके के मैदान की लंबाई १८ मीटर एवं चौड़ाई ९ मीटर होती है। लंबाई में इसको दो बराबर बराबर भागों में बाँट दिया जाता है। तत्पश्चात् दो इंच (५ सेंमी.) चौड़ाई की रेखा से इस मैदान की सीमारेखा बना दी जाती है। किसी भी प्रकार की रुकावट मैदान के चारों तरफ, तीन मीटर तक और ऊँचाई में ७ मीटर तक, नहीं होनी चाहिए। मध्य रेखा के समांतर दोनों तरफ उससे तीन मीटर की दूरी पर आक्रामक रेखा खींच दी जाती है। मैदान के पीछे की रेखा के साथ, बगल की रेखा से दोनों तरफ, क्रीड़ाक्षेत्र की ओर तीन मीटर की दूरी पर, मैदान के बाहर पीछे की ओर एक रेखा खींच दी जाती है। इसे सेवाक्षेत्र (Service area) कहते हैं।
मैदान के बीचों बीच ९.५ मीटर लंबाई की एवं १ मीटर चौड़ाई की साथ ही १० सेंमी. वर्गाकार छोटे छोटे खानों वाले जाल को २ मीटर ४३ सेंमी. (७ फुट ११.६ इंच) की ऊँचाई पर, बगल के दो मजबूत खंभों से बाँध दिया जाता है। इसकी ऊँचाई पुरुष एवं महिलावर्ग के लिए भिन्न भिन्न है। पुरुष के लिए जहाँ २ मीटर ४३ सेमी. है वहीं महिलावर्ग के लिए २ मीटर २४ सेंमी. होती है।
इस खेल की गेंद संभवत: छोटे छोटे मुलायम चमड़े के बारह टुकड़ों से बनाई जाती है और इसके अंदर एक रबर का ब्लैडर अलग से रखा जाता है। इस गेंद का व्यास ६५ सेंमी. से ६८.५ सेंमी. तक तथा वजन २५० स ३०० ग्राम होना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए इसका अधिकतम व्यास ६७.० सेंमी. से ६८.५ सेंमी. एवं वजन २८० ग्राम से ३०० ग्राम तक ही रखा जाता है।
वालीबॉल के खिलाड़ियों को यदि किसी भी अधिकारी के निर्णय के विरुद्ध कुछ कहना हो, तो उन्हें चाहिए कि वे अपने कप्तान द्वारा ही कहलाएँ। किसी भी खिलाड़ी को यह छूट नहीं है कि वह किसी भी अधिकारी को कटु शब्द कहे, या चिढ़ावे, एवं अपने क्रीड़ाक्षेत्र में अपने साथियों को खेलने के लिए निर्देश दे, या दूसरी टीम के खिलाड़ियों के प्रति व्यंगात्मक शब्द कहे। वालीबॉल के खिलाड़ियों को जरसी, हाफ पैंट एवं बिना एड़ी या कील के साधारण जूतों का प्रयोग करना चाहिए। प्रत्येक खिलाड़ी को अपने वक्षस्थल एवं पीठ पर १५ सेंमी. लंबाई और चौड़ाई का संख्यापट्ट लगाना चाहिए।
प्रत्येक दशा में एक टीम (दल) में छह खिलाड़ी ही खेलेंगे, लेकिन कोई भी दल १२ खिलाड़ियों से अधिक के नाम नहीं भेज सकता। खेल प्रारंभ होने पर सर्विस के समय दोनों टीमों के खिलाड़ियों को अपने क्षेत्र में केवल दो पंक्तियों में ही खड़ा होना चाहिए। वालीबॉल का खेल रोटेशन पद्धति द्वारा ही होना चाहिए।
वालीबॉल प्रतियोगिता के लिए सब मिलाकर, एक निर्णायक (Referee), उसकी सहायता के लिए एक एंपायर, एक गणक (Scorer) तथा दो रेखानिरीक्षक, अर्थात् पाँच अधिकारियों की व्यवस्था होनी चाहिए। दोनों दलों के कप्तान सिक्के की उछाल द्वारा सर्विस एवं क्रीड़ाक्षेत्र का चुनाव निर्णायक के निर्देश पर करते हैं। प्रत्येक पाली की समाप्ति पर क्रीड़ाक्षेत्र का आपस में बदलना आवश्यक है। बहुधा देखा जाता है कि प्रतियोगिता तीन पाली की ही होती है, किंतु फाइनल मैच पाँच पाली का होता है। यदि तीन पाली के खेल में प्रत्येक दल एक एक पाली जीत चुके हों और पाँच पाली के खेल में दो दो, तो अंतिम निर्णायक पाली में ८ अंक प्राप्त करने पर क्रीड़ाक्षेत्र बदल दिया जाता है, क्योंकि पाली १५ अंक पहले बना लेनेवाले दल के पक्ष में समाप्त हो जाती है।

 

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